भारतीय मिडियाले छाप्यो नेपालको बारेमा विवादास्पद समाचारः ‘भारतको ७१०० एकड जमिनमा नेपालले कब्जा गर्यो”
आजको खबर | प्रकाशित : २०७५ भदौ ५ गते १२:४८
काठमाडौं । पछिल्लो समय भारतका ठूला मिडियामा एउटा निकै विवादास्पद समाचार आइरहेको छ । भारतमा अत्याधिक पढिने दैनिक भाष्करले यसलाई ग्राण्ड रिपोर्ट भन्दै छापेको छ । यसबाहेक जनसत्ता, नवभारत टाइम्स लगायतमा मिडियामा पनि यो समाचार आइरहेको छ । समाचारमा नेपालले भारतको ७ हजार एक सय एकड जमिन कब्जा गरेको दावी गरिएको छ ।
लामो समयदेखि भारतको अतिक्रमणमा परेको नवलपरासीको सुस्ता क्षेत्रमै नेपालले भारतीय भूमि कब्जा गरेको र नेपालले त्यहाँको लालपुर्जा जारी गरिरहेको समाचारमा दावी गरिएको छ । समाचारमा यहाँ भारतीय सीमा सुरक्षा बल भए पनि केही नबोलेको र भारत सरकारले पनि कुनै कारवाही गर्न अघि नसरेको दावी गरिएको छ । यतिमात्र होइन भाष्करले आफ्नो रिपोर्टमा नेपालले त्यहाँ बस्ने भारतीयलाई नेपाली नागरिकता बाँडेको र अधिकांशसँग दोहोरो नागरिकता भएकोसमेत दावी गरेको छ ।
यस्तो छ भाष्करको समाचार पढ्नुस् जस्ताको तस्तै –
(सुस्ता) वाल्मीकिनगर.जिस नेपाल को भारत सरकार ने मित्र मानकर गले से लगा रखा है, उसी मित्र ने बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले की लगभग 7100 एकड़ जमीन पर कब्जा जमा लिया है। ये सिलसिला अब भी तेजी से जारी है। वाल्मीकिनगर में सुस्ता, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल और गोवर्धना में शिवालिक रेंज की पहाड़ियां सहित कई ऐसे इलाके हैं, जहां अवैध कब्जा बढ़ रहा है। यहां पट्टे भी काटे जाने की तैयारी है।
इस इलाके के डीएम डाॅ. निलेश रामचंद्र देवर कहते हैं कि यह अंतरराष्ट्रीय मसला है, जबकि डीएफओ गौरव ओझा मानते हैं कि जमीन पर अतिक्रमण है। इस स्थिति का फायदा उठाकर लोग दोहरी नागरिकता का लाभ ले रहे हैं। जंगल से करोड़ों रुपए पेड़ काट दिए गए हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित सुस्ता:अब तो नेपाल का त्रिवेणी थाना भी सुस्ता में आ चुका है। अस्पताल, स्कूल, सड़क तक बना दी गई है। वीटीआर जंगल और गोवर्धना में शिवालिक रेंज की पहाड़ियां भी थीं, जिस पर अब नेपाल का दावा है। आज भी सुस्ता में बसने वाले 95 फीसदी लोग भारतीय हैं।
इन 5 जगहों पर भी नेपालियों का कब्जा
1) मौजा ठाड़ी में 12 चादर में ठाड़ी, नर्सरी, बड़ा ठाड़ी, छोटा ठाड़ी गांव का रकबा 7378 एकड़ है, जिसमें 3000 हजार एकड़ पर कब्जा।
2) मौजा रमपुरवा में 2 चादर में रमपुरवा, हजमटोला, खडंजाटोला गांव का रकबा 900 एकड़, जिसमें 400 एकड़ पर कब्जा।
3) मौजा परसौनी में 2 चादर में सुस्ता, रोहुआ टोला, भेड़िहारी आदि गांव का रकबा 2351 एकड़, जिसमें 2300 एकड़ सुस्ता के नाम पर कब्जा।
4) मौजा बलगनवा में कई चादरों में आधा दर्जन गांव बसे हैं। इसका रकबा 3487 एकड़ है, जिसमें 1400 एकड़ नेपालियों के कब्जे में है।
5) सबसे ऊंची चोटी सोमेश्वर स्थित नो मेन्स लैंड पर भी पांच साल पहले नेपालियों ने झंडा लगा दिया। वहां नेपाली प्रहरी और एसएसबी दोनों है। चंपारण के वीटीआर और कई ऐसे भूभाग हैं, जहां नो मेंस लैंड है ही नहीं और नेपालियों ने कब्जा कर लिया है। (स्रोत : रमपुरवा निवासी एवं धनैया रेता बचाव समिति के अध्यक्ष जलील अंसारी)
नेपाल को लेकरचुप हैसरकार:नेपाल की ओर से लगातार अतिक्रमण के बाद भी भारत सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए हैं। 1815 की संधि में जो फैसला हुआ, उसमें 1960 की संधि में ढील दे दी गई। 2005 में जो संधि हुई, उसमें भारत सरकार नेपाल के प्रति और नरम हो गई। स्थानीय स्तर पर सीमा विवाद को लेकर 2006, 2006 और 2007 में कई समझौते हुए। साल में एक-दो बार दोनों देश के सीमावर्ती जिलों के अधिकारी बैठक करते हैं पर निष्कर्ष नहीं निकलता।
दोहरी नागरिकता का लाभ ले रहे सुस्ता के निवासी:लोगों ने सुस्ता की भूमि की बंदोबस्ती भी नेपाल सरकार से करा ली है। बुनीलाल केवट, दुखीलाल केवट, लल्लू केवट, नृव कुमारी गुरड़ आदि को आधार कार्ड से मुक्त कर दिया है। उन्हें दोहरी नागरिकता का लाभ मिलता है। नेपाल में वहां के कागजात और भारत में यहां के कागज दिखा देते हैं।
वीटीआर में तीन ओर से बना रहे सड़क:सुस्ता के एक ओर गंडक और तीन ओर से भारतीय भूभाग है। यहां मुन्ना खां की भी जमीन है। यहां तीनों ओर से सड़क निर्माण हो रहा है। ताकि भारत में और अंदर तक घुसा जा सके। लोग बताते हैं कि धनैया रेता और नेपाल अधिग्रहित सुस्ता और गंडक के तट पर 40 साल पहले तक जंगल थे। जब भारतीय अपराधी सुस्ता में आकर बसे तो वीटीआर के जंगल काटकर जबरदस्त अतिक्रमण करने लगे।
Hey, check out this new SEO tool,
that will help you rank higher easily: shinestseo.com
Hey,
We hope this message finds you well. We are reaching out to you today to introduce our range of high-quality teeth whitening products and explore the possibility of working together as a wholesaler or distributor.
Our products are designed to provide a safe and effective teeth whitening solution that is easy to use and produces ipressive results.With years of experience in the dental industry, we have developed a reputation for quality and innovation that we believe would be a gret fit for your business.
Here are some reasons why partning with us make sense:
*High-quality, clinically proven products
*Competitive pricing and flexible packages
*Dedicated support team availabel for assitance
*Suitable for a variety of markets and customer demographics
*Large product range including gels, strips,pens, kits, and more
We believe there is significant potential for growth in the teeth whitening market and see a partnership between our company as an opportunity to capitalize on that growth while providing value to your customers.
If you are interested in learning more about our teeth whitening products or would like to discusss a possible partnership,please visit our website [www.furenin-smile.com] or contact us directly via email [jarek@fureinsmile.co] or phone [678 999 3373].
Thank you for considering our proposal.We look forward to hearing from you soon.
Best regards.
Jarek